समाचार प्राप्त करने का एक मुख्य स्रोत समाचार समितियां या न्यूज ऐजेन्सी है। ये समितियां पत्रकारिता तथा जनसंचार माध्यमों को समाचार उपलब्ध कराती हैं। ये स्वयं तो कोई समाचार प्रकाशित नहीं करती अपितु समाचार एकत्र करती हैं उनका संकलन करती है और उन्हें माध्यमों तक भेजती है।
अपने सीमित साधनों के कारण समाचार-पत्र विविध समाचारों को जुटा नहीं पाते थे, किन्तु आजकल समाचार ऐजेन्सियों के माध्यम से समूचे संसार के समाचार-पत्र, पत्रिकाओं को उपलब्ध हो जाते हैं। इतना ही नहीं इन ऐजेन्सियों ने फोटो फीचर, संदर्भ सेवा आदि में यथासम्भव सहायता प्रदान की है। संयुक्त राष्ट्र शिक्षा. सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन ने 1952 में समाचार समिति की परिभाषा दी है जो इस प्रकार है “समाचार समिति एक उद्यम है जिसका मुख्य उद्देश्य चाहे उसका कानूनी स्वरूप कैसा भी हो
समाचार एवम् समाचार विषयक सामग्री एकत्र करना तथा उन्हें समाचार संस्थाओं को विशेष परिस्थितियों में निजी व्यक्तियों को भी इस दृष्टि से वितरित करना है कि उन उपभोक्ताओं को व्यवसायिक तथा नियमानुकूल स्थितियों में मूल्य की खोज जहां तक सम्भव हो सम्पूर्ण तथा निष्पक्ष सेवा (समाचार) प्राप्त हो सके।
” कुछ देशों में समाचार समितियों को ‘वायर ऐजेन्सी’ भी कहा जाता है, क्योंकि तार संचार से इन संगठनों ने काफी नाम कमाया है। सन् 1825 में फ्रांस के व्यक्ति चार्ल्स आवास ने न्यूज ऐजेन्सी प्रारम्भ की। यह एक न्यूज ब्यूरो था। इसके उपरान्त इंग्लैण्ड में एक संस्था बनी। सन् 1836 में फ्रांस में ‘सस्ता प्रैस’ का आगमन हुआ और धीरे-धीरे कई देशों में न्यूज ऐजेन्सियां बन गई। समाचार प्रेषण के लिए ‘आवास’ ने 1840 में कबूतरों की सहायता ली थी। 1849 में बूल्फ ऐजेन्सी और 1848 में नेशनल जिलांग और गर्वर्ड न्यूज ऐसोशिएशन की स्थापना हुई। 1850 में जूलियस राईटर ने ‘राइटर’ नामक न्यूज एजेन्सी बनाई।
इस समय यूरोप की तीन समितियां अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रही थी जिनमें बुल्फ, राइटर तथा जनरल न्यूज ऐजेन्सी हैं। आजकल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर AP अमेरिका, UPI अमेरिका, इंटर ब्रिटेन, AFP फ्रांस, तॉस USSR सक्रिय है। 1952 में ने एक सर्वेक्षण किया गया और इन समितियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की बताया।
इन ऐजेन्सियों के पास नवीनतम समाचार माध्यम हैं, पत्रकारों को ऐसे मामलों में अपना पक्ष विशेषाधिकार समिति के सम्मुख रखना पड़ता है। कई बार तथ्य सही होने पर भी विवाद होते हैं, पत्रकारों को समाचार की जानकारी के स्रोत बनाने पड़ते हैं।
भारत की समाचार समितियां :
भारत में इनका प्रारम्भ 20वीं शताब्दी से माना जाता है। सबसे पूर्व के. सी. राय ने 1905 में Associated Press of India (API) की स्थापना की थी। इस दृष्टि से के. सी. राय भारत में समाचार समितियों के जनक हैं। 1915 में India News Agency स्थापित हुई। इनमें से कुछ महत्त्वपूर्ण समितियों का विवरण इस प्रकार हैं ।
PTI (Press Trust of India) :
यह बहुत पहले API के नाम से विख्यात थी। यह भारत की ही नहीं अपितु एशिया की सबसे बड़ी ऐजेन्सी है। इसने 1949 में कार्य प्रारम्भ किया तथा इसकी स्थापना में सरदार पटेल का पूरा योगदान रहा । PTI विश्व के कई स्थानों पर अपने संवाददाता रखती है। यह राइटर, UPT अमेरिका, AFP फ्रांस में भी समाचार अनुबन्ध पाती है। भारत में राइटर AFP फ्रांस के समाचार उपलब्ध कराती है।
UNI (United News of India) :
इसने 1961 में कार्य प्रारम्भ किया। यह 90 कार्यालयों से युक्त है और लगभग 400 समाचार-पत्रों को सेवा उपलब्ध कराती है। यह कृषि, वाणिज्य, संदर्भ सेवाओं के लिए विख्यात है।
समाचार भारती :
यह 1966 में प्रारम्भ हुई। लगभग 150 समाचार-पत्र इसके ग्राहक हैं। यह एक वार्षिक पत्रिका ‘देश और दुनिया’ प्रकाशित करती है। समाचार भारती धर्मवीर गांधी के कुशल निर्देशन में कार्यरत है।
हिन्दुस्तान समाचार :
इसकी स्थापना एस.एस. आप्टे ने 1948 में की। 1957 में समाचार ऐजेन्सी सहकारी समिति बनी। यह हिन्दी के साथ-साथ अन्य भाषाओं- पंजाबी, गुजराती, उर्दू, बंगला, मराठी, तेलगू, कन्नड, उड़िया आदि में समाचार प्रदान करती है। इसके पचास से अधिक कार्यालय हैं। यह समूचे देश में महत्त्वपूर्ण जानकारी देने के लिए संदर्भ सेवा भी प्रदान करती है। यह तार, टेलिप्रिंटर आदि के माध्यम से अपना कार्य सम्पन्न कर रही है।
यूनिवार्ता :
यह इसने 1982 में अपनी सेवाएं प्रारम्भ की। यह देश के महानगरों तथा पचास शहरों में समाचार सेवाएं प्रदान करती है।
NNS (National News Service) :
sbrd सन् 1962 में समाचारों की समीक्षा तथा उद्योग व्यापार सम्बन्धी समीक्षाओं के संकल्प और विवरण के लिए नेकीराम गुप्ता ने NSS’ की स्थापना की। यह समिति 80 समाचार-पत्रों की विषय-सामग्री उपलब्ध कराती है। इस एजेन्सी ने खेल, फिल्म, महिला जगत आदि सम्बन्धी सामग्री को भी पत्र-पत्रिकाओं को उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। इसके संचालक और संपादक केसर सिंह गुप्ता है भारत के प्रैस रजिस्ट्रार द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार आजकल PTI, UNI हिन्दुस्तान समाचार आदि एजेन्सियां प्रमुख हैं।
इनकी प्रसार संख्या अर्थात् ग्राहक अधिक हैं। अन्य सक्रिय समाचार एजेन्सियों में जिज्ञासा, Foreign News and Features Limited, Kash mir News Service Shrinagar, Indian News Agency Hydirabad, National News Service Delhi, उत्थान लखनऊ, Feats Eastiran In dian News Agency आदि प्रमुख हैं।
भारत में समाचार समितियों का भविष्य :
भारत में अंग्रेजी और हिन्दी समाचार समितियों के साधन विदेशी
समाचार समितियों की अपेक्षा कम हैं। हमारी समाचार समितियां आत्मनिर्भर नहीं हैं। PTI, UNI का स्वामित्व बड़े पत्रों के हाथों में है। भारत में समाचार समितियों के वर्तमान ढांचे में परिवर्तन जरूरी है। भारत सरकार समाचार ऐजेन्सियों के स्वरूप और गठन के बारे में उदासीन प्रतीत होती है।
आवश्यकता यह है कि सभी भाषाओं में समाचार उपलब्ध कराने के लिए समितियां कार्य करें। कम से कम दो चार समाचार समितियां ऐसी होनी चाहिएं, जो अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा स्थानीय समाचार जुटा सके। समाचार समितियों को सही तथा प्रमाणिक समाचारों का संकलन एवं वितरण करना चाहिए। समिति साधनों के बावजूद भारतीय समाचार समितियां समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं की सेवा कर रही है तथा पत्र पत्रकारिता के आदर्श मानदण्डों को स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो रही है।