भोजन की गुणवत्ता को बनाए रखने के उपाय क्या है ? | What are the measures to maintain the quality of food?

भोजन की गुणवत्ता को बनाए रखने के उपाय करना होता है| जिस प्रकार मशीन को चलाने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है| उसी पर उसी प्रकार शरीर की समस्त क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी भोजन की ऊर्जा (Food energy) की आवश्यकता होती है|

भोजन की गुणवत्ता
भोजन की गुणवत्ता को बनाए रखने के उपाय क्या है ?

What is the importance of food quality?

हमारे शरीर को यह ऊर्जा भोजन, जल तथा वायु आदि से प्राप्त होती है| हम जो भोजन व जल ग्रहण करते हैं| शरीर की पाचन प्रणाली (Digestive system), उस भोजन को पचा कर उसे ऊर्जा में बदलने का कार्य करती है| यह ऊर्जा रक्त भ्रमण प्रणाली द्वारा, हमारे शरीर के सभी अंगों तक पहुंचा दी जाती है|

भोजन की गुणवत्ता और ऊर्जा में क्या संबंध है ?

जिस से शरीर द्वारा समस्त स्कूल व सूक्ष्म क्रियाओं को संपादित करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है| बच्चों व् युवा वर्ग में पोषक तत्वों के रूप में, इस ऊर्जा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है| क्योंकि उन्हें भोजन से प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों का उपयोग दोहरे उद्देश्य के लिए करना होता है| जहां, उन्हें शरीर के द्वारा संपादित होने वाली क्रियाओं के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है| वही उस आयु में, उनके शरीर के विकास के लिए अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरूरत भी होती है| इसलिए बच्चों और युवाओं के लिए, एक अच्छे गुणात्मक भोजन (quality diet) का होना अति आवश्यक है|

जंक फूड से क्या – क्या समस्यांए होती है ?

आधुनिक समाज में भोजन की गुणवत्ता ठीक न होने के कारण बच्चों व युवाओं में मोटापा, खून की कमी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप व बालों का झड़ना आदि के दोष बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं| सात्विक में, अच्छे से पचने वाला भोजन न मिलने के कारण, बच्चों व युवाओं के कार्य करने की क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है| वे लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं|

कम आयु में ही बच्चों की आंखों पर चश्मा लगना व उनके गर्दन, कंधे व सर में दर्द होना, आम समस्या बन कर रह गई है| इन सब का परिणाम यह होता है, कि युवा वर्ग अपनी परीक्षाओं में भी उचित परिणाम लाने में पीछे रह जाते हैं| जब वे अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते, तो उनमें अवसाद, नींद की कमी, तनाव व भय जैसे रोग शीघ्रता से आने लगते हैं| इस प्रकार वे जीवन की दौड़ में पीछे रह जाते हैं और समय से पहले अनेक रोगों से पीड़ित होने लगते हैं| जिसका मुख्य कारण भोजन का ठीक न होना तथा शरीर को बचपन से ही टेलीविजन और मोबाइल पर अधिक समय खर्च करने पर निष्क्रिय कर लेना है|

बच्चों व युवाओं के लिए जंक फ़ूड मृत भोजन कैसे है ?

आज बच्चों व युवाओं का, जिस प्रकार के भोजन के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है| वास्तव में वह भोजन, मृत भोजन का ही रूप है, जैसे कि पिज्जा, बर्गर, नूडल्स या अन्य प्रकार के जंक फूड; जैसे डिब्बा बंद भोजन या सभी प्रकार के बाजार में मिलने वाले, पैक्ड जूस व ड्रिंक्स| जंक फूड में पोषक तत्व नहीं होते, जिनके शरीर को इस आयु में जरूरत पड़ती है| इस प्रकार के भोजन को पचाने में शरीर को अधिक परिश्रम करना पड़ता है|

satvik bhojan menu

अधिकांश, उस भोजन को शरीर पचा ही नहीं पाता, जो चर्बी (fat) बनकर शरीर में जमा होता रहता है और मोटापे शुगर और उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोग का कारण बनता है| इससे शरीर में, प्राण ऊर्जा की कमी होने पर; दिमाग के कार्य करने की क्षमता भी कम होने लगती है, तथा शरीर का विकास सही प्रकार से नहीं हो पाता| युवा लड़कियों में भी जंग फूड के कारण, मासिक धर्म का दोष होना तथा अन्य प्रकार की समस्या का आना आम बात हो गयी है| शादी के बाद बांझपन तक के रोग हो जाने की संभावना बढ़ती जाती है|

ऊपर दिए गए विवरण से हमें यह समझ में आ जाना चाहिए कि बच्चों व युवाओं को जंक फूड से बजाना चाहिए और घर पर तैयार किए हुए ताजे अच्छे से बचने वाले सात्विक भोजन का ही सेवन कराना चाहिए जिसमें नीचे दिए गए सुझावों का समावेश करना सहायक होगा |

सात्विक भोजन क्या है?

जंक फूड का सेवन ना करें घर पर तैयार किए हुए भोजन का ही सेवन करें भोजन ग्रहण करने से पहले मौसम का हरा सलाद जरूर खाएं प्रतिदिन फल का सेवन अवश्य करें रात का भोजन 8:00 बजे से पहले पहले जरूर कर ले भोजन करते समय पानी वह किसी अन्य प्रकार के पेय पदार्थ का सेवन ना करें आवश्यकता पड़ने पर भोजन के मध्य एक दो घूंट पानी पिया जा सकता है|

हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्वों के नाम लिखिए|

पानी का सेवन भोजन ग्रहण करने से 30 मिनट पहले या 45 मिनट बाद ही किया जा सकता है सुबह नाश्ते में अंकुरित अनाज रात में भीगी हुई 7 या 8 किशमिश और पांच या छे बादाम का सेवन गुणकारी होता है प्रतिदिन प्रात एक चम्मच शहद का सेवन अवश्य करें पानी का सेवन भरपूर मात्रा में जरूर करें भोजन को चबा चबा कर जरूर खाएं|

यदि आप अपने भोजन को अच्छी तरह पहचाना वह गुणात्मक बनाते हुए प्रतिदिन किसी ने पूर्ण योग शिक्षक से परामर्श लेकर कुछ विशेष आसनों व प्राणायाम का अभ्यास करेंगे तो आप पाएंगे कि आपका शरीर आरोग्य हो जाएगा आप बार-बार बीमार नहीं होंगे और आपका शरीर हमेशा ऊर्जा से भरा रहेगा शरीर और दिमाग के स्वस्थ होने पर आप अपनी पढ़ाई भी ठीक तरह से कर पाएंगे और आपकी परफॉर्मेंस भी अच्छी होगी और आप अपने जीवन के हर एक लक्ष्य को पूरा करते हुए समाज व देश के कच्चे स्वस्थ व सफल नागरिक बनेंगे इस प्रकार आप एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण करने में भी सहायक होंगे धन्यवाद|

What is the importance of food quality?

हमारे शरीर को यह ऊर्जा भोजन, जल तथा वायु आदि से प्राप्त होती है| हम जो भोजन व जल ग्रहण करते हैं| शरीर की पाचन प्रणाली (Digestive system), उस भोजन को पचा कर उसे ऊर्जा में बदलने का कार्य करती है| यह ऊर्जा रक्त भ्रमण प्रणाली द्वारा, हमारे शरीर के सभी अंगों तक पहुंचा दी जाती है|

भोजन की गुणवत्ता और ऊर्जा में क्या संबंध है ?

जिस से शरीर द्वारा समस्त स्कूल व सूक्ष्म क्रियाओं को संपादित करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है| बच्चों व् युवा वर्ग में पोषक तत्वों के रूप में, इस ऊर्जा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है| क्योंकि उन्हें भोजन से प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों का उपयोग दोहरे उद्देश्य के लिए करना होता है| जहां, उन्हें शरीर के द्वारा संपादित होने वाली क्रियाओं के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है| वही उस आयु में, उनके शरीर के विकास के लिए अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरूरत भी होती है| इसलिए बच्चों और युवाओं के लिए, एक अच्छे गुणात्मक भोजन (quality diet) का होना अति आवश्यक है|

जंक फूड से क्या – क्या समस्यांए होती है ?

आधुनिक समाज में भोजन की गुणवत्ता ठीक न होने के कारण बच्चों व युवाओं में मोटापा, खून की कमी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप व बालों का झड़ना आदि के दोष बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं| सात्विक में, अच्छे से पचने वाला भोजन न मिलने के कारण, बच्चों व युवाओं के कार्य करने की क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है| वे लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं| कम आयु में ही बच्चों की आंखों पर चश्मा लगना व उनके गर्दन, कंधे व सर में दर्द होना, आम समस्या बन कर रह गई है| इन सब का परिणाम यह होता है, कि युवा वर्ग अपनी परीक्षाओं में भी उचित परिणाम लाने में पीछे रह जाते हैं| जब वे अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते, तो उनमें अवसाद, नींद की कमी, तनाव व भय जैसे रोग शीघ्रता से आने लगते हैं| इस प्रकार वे जीवन की दौड़ में पीछे रह जाते हैं और समय से पहले अनेक रोगों से पीड़ित होने लगते हैं| जिसका मुख्य कारण भोजन का ठीक न होना तथा शरीर को बचपन से ही टेलीविजन और मोबाइल पर अधिक समय खर्च करने पर निष्क्रिय कर लेना है|

बच्चों व युवाओं के लिए जंक फ़ूड मृत भोजन कैसे है ?

आज बच्चों व युवाओं का, जिस प्रकार के भोजन के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है| वास्तव में वह भोजन, मृत भोजन का ही रूप है, जैसे कि पिज्जा, बर्गर, नूडल्स या अन्य प्रकार के जंक फूड; जैसे डिब्बा बंद भोजन या सभी प्रकार के बाजार में मिलने वाले, पैक्ड जूस व ड्रिंक्स| जंक फूड में पोषक तत्व नहीं होते, जिनके शरीर को इस आयु में जरूरत पड़ती है| इस प्रकार के भोजन को पचाने में शरीर को अधिक परिश्रम करना पड़ता है|
अधिकांश, उस भोजन को शरीर पचा ही नहीं पाता, जो चर्बी (fat) बनकर शरीर में जमा होता रहता है और मोटापे शुगर और उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोग का कारण बनता है| इससे शरीर में, प्राण ऊर्जा की कमी होने पर; दिमाग के कार्य करने की क्षमता भी कम होने लगती है, तथा शरीर का विकास सही प्रकार से नहीं हो पाता| युवा लड़कियों में भी जंग फूड के कारण, मासिक धर्म का दोष होना तथा अन्य प्रकार की समस्या का आना आम बात हो गयी है| शादी के बाद बांझपन तक के रोग हो जाने की संभावना बढ़ती जाती है| ऊपर दिए गए विवरण से हमें यह समझ में आ जाना चाहिए कि बच्चों व युवाओं को जंक फूड से बजाना चाहिए और घर पर तैयार किए हुए ताजे अच्छे से बचने वाले सात्विक भोजन का ही सेवन कराना चाहिए जिसमें नीचे दिए गए सुझावों का समावेश करना सहायक होगा |

सात्विक भोजन क्या है?

जंक फूड का सेवन ना करें घर पर तैयार किए हुए भोजन का ही सेवन करें भोजन ग्रहण करने से पहले मौसम का हरा सलाद जरूर खाएं प्रतिदिन फल का सेवन अवश्य करें रात का भोजन 8:00 बजे से पहले पहले जरूर कर ले भोजन करते समय पानी वह किसी अन्य प्रकार के पेय पदार्थ का सेवन ना करें आवश्यकता पड़ने पर भोजन के मध्य एक दो घूंट पानी पिया जा सकता है|

हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्वों के नाम लिखिए|

पानी का सेवन भोजन ग्रहण करने से 30 मिनट पहले या 45 मिनट बाद ही किया जा सकता है सुबह नाश्ते में अंकुरित अनाज रात में भीगी हुई 7 या 8 किशमिश और पांच या छे बादाम का सेवन गुणकारी होता है प्रतिदिन प्रात एक चम्मच शहद का सेवन अवश्य करें पानी का सेवन भरपूर मात्रा में जरूर करें भोजन को चबा चबा कर जरूर खाएं|
यदि आप अपने भोजन को अच्छी तरह पहचाना वह गुणात्मक बनाते हुए प्रतिदिन किसी ने पूर्ण योग शिक्षक से परामर्श लेकर कुछ विशेष आसनों व प्राणायाम का अभ्यास करेंगे तो आप पाएंगे कि आपका शरीर आरोग्य हो जाएगा आप बार-बार बीमार नहीं होंगे और आपका शरीर हमेशा ऊर्जा से भरा रहेगा शरीर और दिमाग के स्वस्थ होने पर आप अपनी पढ़ाई भी ठीक तरह से कर पाएंगे और आपकी परफॉर्मेंस भी अच्छी होगी और आप अपने जीवन के हर एक लक्ष्य को पूरा करते हुए समाज व देश के कच्चे स्वस्थ व सफल नागरिक बनेंगे इस प्रकार आप एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण करने में भी सहायक होंगे धन्यवाद|

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